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बुधवार, 19 नवंबर 2008

भारतीय संस्कृति संसद में बच्चन के मधुकाव्य पर अभिनव आयोजन



कोलकाता। हरिवंश राय बच्चन के जन्मशती समारोह के अन्तर्गत संसद परिवार की ओर से आयोजित संगीतमय कार्यक्रम बच्चन का मधुकाव्य शहर के काव्यानुरागी श्रोताओं के लिए यादगार अनुष्ठान बन गया। खचाखच भरे सभागार में लोगों ने मधुशाला एंव अन्यान्य रचनाओं के माध्यम से भरपूर ज्ञानरंजन किया। हाला, प्याला, साकी और मधुशाला रुपी प्रतीकों के माध्यम से कवि के राष्ट्रदर्शन, भक्ति, श्रृंगार, वेदना व ऋतु सम्बन्धी रूबाइयों का प्रस्तुतीकरण विभिन्न रागों में किया गया। जिससे दर्शकमंत्रमुग्ध हो गए। इसके अलावा बच्चनजी की सुप्रसिद्ध कविताएं इस पार-उस पार एवं पथभ्रष्ट की आवृति की गई। मधुकाव्य से सम्बन्धित रोचक संस्मरण एवं बच्चन जी के जीवन से सम्बद्ध प्रेरक घटनाओं का भी जिक्र किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन, संयोजन संस्था के कर्मसचिव श्रीराम चमडिय़ा ने किया। काव्यपाठ आदि में अंशग्रहण किया सर्वश्री काशीप्रसाद खेरिया, गोविन्द फतेहपुरिया, श्यामसुन्दर बगडिय़ा, श्रीराम चमडिय़ा, राजगोपाल सुरेका, महेश लोधा, विजय झुनझुनवाला, विश्वनाथ केडिया, राजीव माहेश्वरी, प्रमोद शाह, केशव बिन्नानी, चंद्रशेखर लाखोटिया एवं सर्वश्रीमती डा। तारा दुगड़, चित्रा नेवटिया, नीता सिंघवी एवं विद्या भण्डारी ने। अनुष्ठान की सफलता के लिए जनसंपर्क प्रभारी अजय अग्रवाल सक्रिय थे।

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